असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा Fundamentals Explained
असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा Fundamentals Explained
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शक्ति सिंह/ कोटा. हाड़ौती संभाग में यूं तो कई प्राचीन शिवमंदिर हैं, जिनमें कई सदियों पुराने शिवलिंग स्थापित हैं. लेकिन, कोटा के स्टेशन इलाके में मौजूद श्री राम मंदिर में एक विशेष प्रकाद का शिवलिंग स्थापित है, जिसे पुराणों में पारद शिवलिंग कहा जाता है. इसका नाम पारद पड़ने की पीछे की वजह भी काफी खास है.
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।
मानव शरीराचे तापमान हे पाऱ्यावरच मोजण्याची पद्धती आहे कारण सामान्य परिस्थितीत हा धातू आपले द्रवरूप सोडत नाही.
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यदि आप उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अस्थमा, तथा डायबिटीज जैसी बीमारियो से परेशान हैं, तो आपको बस पारद शिवलिंग की पुजा करनी है, इससे आपको अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।
कुंडली में कमज़ोर चंद्रमा मानसिक परेशानियों का कारण बनता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से चंद्रमा को बल मिलता है।
शिवलिंग पर अक्सर जल और बिल्वपत्र तो चढ़ाया ही जाता है लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ अर्पित किया जाता है। शिवजी का कई प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। सभी तरह के अभिषेक का अलग-अलग फल दिया गया है। शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है? जानिए-
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पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभ
इसके बाद पर पराद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जलाना चाहिए।
रसलिंगाचनादिष्टं सर्वतं लभेत नरः।। (वायवीय संहिता)
इसकी नियमित पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के more info हर क्षेत्र में सफलता दिलाती है।
पं. शर्मा के अनुसार घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। जहां शिवलिंग रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाएं। भोग लगाएं। घर में क्लेश न करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।
क्या इन शिवलिंगों को खरीदते समय किसी विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए?